माँ की आँखों में एक आस दिख रही थी,
ना जाने कैसी विश्वास दिख रही थी....
मानो जैसे उसकी आंखे मुझसे कुछ कह रही थी,
सीख दे रही थी, मन में आस भर रही थी,
की कर लेगी बेटा तू कुछ तो अलग है,
मेरी माँ मुझमें एक विस्वास भर रही थी...
बचपन से आज तक माँ ही वो इंसान है,
जो मेरे दुःख में रोइ है, मेरे सुख में हँसती है
उसी से तो मुझको एक सीख मिल रही है,
की दुःख में छोड़ो ना किसी का साथ मेरी माँ कह रही है....
माँ की आँखों में एक आस दिख रही थी....
ना जाने कैसी विश्वास दिख रही थी....
मानो जैसे उसकी आंखे मुझसे कुछ कह रही थी,
सीख दे रही थी, मन में आस भर रही थी,
की कर लेगी बेटा तू कुछ तो अलग है,
मेरी माँ मुझमें एक विस्वास भर रही थी...
बचपन से आज तक माँ ही वो इंसान है,
जो मेरे दुःख में रोइ है, मेरे सुख में हँसती है
उसी से तो मुझको एक सीख मिल रही है,
की दुःख में छोड़ो ना किसी का साथ मेरी माँ कह रही है....
माँ की आँखों में एक आस दिख रही थी....
Awesome lines..How beautifully emotions converted into words. Heart touching. Wish you all the best. Will be waiting for your next post. aditi
ReplyDeleteThanks for always supporting me and encouraging me.
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