मेरी आशाऐं....
साहसी हुँ इसलिऐ कवितायें ले आयी हूँ......
फूलों के बगीचो से कलियॉ उठा के लाई हूँ,
अपने अन्दर से कुछ पंक़्तिया उठा के लाई हूँ....
कहने को तो कठिन था, मेरा कुछ भी कर पाना,
पर अपने मुश्क़िलों मे डट के कुछ खुशियॉ उठा के लाई हूँ....
उम्र मे कच्ची हुँ , अभी छोटी ही बच्ची हुँ,
अपने जीवन के अंन्धेरे मे , कुछ रौशनी चुरा लाई हूँ.....
मन भी उदास है , होश ना हवास है,
आसओ की उडती पछी को, इतने पास तक लाई हूँ.....
सुन ऐ जमाना फिर ना ठुकराना ,हिम्मत इक़ट्ठा कर आसायें ले आयी हुँ....
उठ उठ कर गिरी हुँ, गिर गिर कर उठी हूँ, साहसी हुँ इसलिऐ कवितायें ले आयी हूँ.....
समझना तो बहुत है ,समय ही कहॉ है,
दबी ना रह जायें मेरी कवितायें ,ये आशा ले अयी हूँ.....
कुछ तो अलग हूँ, बातो मे सजग हुँ,
आशावादी हुँ , इसलिऐ कवितायें ले अयी हूँ....
फिर से लिखुँगी साथ मिल गया तो,मन को एक ऊँचा विक़ास मिल गया तो
रौशन हो मेरे देश का नाम, यही आस ले आयी हूँ.....
कहने को तो कठिन था, मेरा कुछ भी कर पाना,
पर अपने मुश्क़िलों मे डट के कुछ खुशियॉ उठा के लाई हूँ....
उम्र मे कच्ची हुँ , अभी छोटी ही बच्ची हुँ,
अपने जीवन के अंन्धेरे मे , कुछ रौशनी चुरा लाई हूँ.....
मन भी उदास है , होश ना हवास है,
आसओ की उडती पछी को, इतने पास तक लाई हूँ.....
सुन ऐ जमाना फिर ना ठुकराना ,हिम्मत इक़ट्ठा कर आसायें ले आयी हुँ....
उठ उठ कर गिरी हुँ, गिर गिर कर उठी हूँ, साहसी हुँ इसलिऐ कवितायें ले आयी हूँ.....
समझना तो बहुत है ,समय ही कहॉ है,
दबी ना रह जायें मेरी कवितायें ,ये आशा ले अयी हूँ.....
कुछ तो अलग हूँ, बातो मे सजग हुँ,
आशावादी हुँ , इसलिऐ कवितायें ले अयी हूँ....
फिर से लिखुँगी साथ मिल गया तो,मन को एक ऊँचा विक़ास मिल गया तो
रौशन हो मेरे देश का नाम, यही आस ले आयी हूँ.....
please appreciate me.
ReplyDeleteNice poetry keep it up....
DeleteNice.
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteVery nice.
ReplyDelete